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Nagkesar Benefits in Hindiनागकेसर के फायदे: नागकेसर एक छोटा सा पौधा होता है और इसे आयुर्वेद में गुणकारी माना जाता है। नाग केसर को और भी कई नामों से जाना जाता है और इसे नागचम्पा, भुजंगाख्य, हेम और नागपुष्प भी कहा जाता है। नाग केसर दक्षिणी भारत, पूर्व बंगाल, और पूर्वी हिमालय में अधिक पाया जाता है और ये पौधा गर्मियों के समय खिलाता है। नाग केसर के पौधे पर लगने वाले फूलों का प्रयोग आयुर्वेद में किया जाता है और इसकी मदद से कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं।
नागकेसर में कई सारे औषधियां गुण पाए जाते हैं और ये सेहत के लिए लाभदायक होता है। नागकेसर के सेवन से मासिक धर्म में होने वाले दर्द को काफी हद तक कम किया जा सकता है। नागकेसर के सेवन से शरीर में ताकत आती है और पेट संबंधित रोगों को दूर करने में फायदेमंद होता है। तो आइए जानते हैं नागकेसर के फायदे।
नागकेसर की मदद से खांसी को सही किया जा सकता है। खांसी होने पर आप नागकेसर का काढ़ा बनाकर पी लें। इसका काढ़ा बनाने हेतु आपको इसकी जड़ और छाल की जरूरत पड़ेगी।
आप नागकेसर की जड़ और छाल को अच्छे से साफ कर लें। फिर दो गिलास पानी गैस पर गर्म करने के लिए रख दें। इनके अंदर जड़ और छाल को अच्छे से पीसकर डाल लें। इस पानी को अच्छे से उबाल लें। आप चाहें तो इसके अंदर चीनी भी डाल सकते हैं। जब ये पानी आधा रहे जाए तो आप गैस बंद कर इसे छान लें। थोड़ा ठंडा होने के बाद आप ये काढ़ा पी लें। दिन में दो बार ये काढ़ा पीने से आपकी खांसी तुरंत सही हो जाएगी।
वहीं अगर आप नागकेसर का काढ़ा नहीं पीना चाहते हैं, तो आप 1 ग्राम पीला नागकेसर में थोड़ी सी मिश्री और मक्खन मिला दें और इस मिश्रण को दिन में तीन बार खा लें। इसे खाने से भी खांसी दूर हो जाती है।
हिचकी को रोकने के लिए भी नागकेसर लाभदायक होता है और इसे खाने से हिचकी आना बंद हो जाती है। अधिक हिचकी आने पर आप पीला नागकेसर में शहद मिला दें और इसे खा लें। ये मिश्रण खाते ही आपकी खांसी रुक जाएगी।
मासिक-धर्म सही समय पर ना आने पर या पेट में दर्द होने पर आप नागकेसर में सफेद चन्दन और पठानी लोध्र का पाउडर मिला दें। फिर रोज इस मिश्रण को पानी के साथ खाएं। ये मिश्रण खाने से मासिक-धर्म के विकार सही हो जाएगा और मासिक धर्म के दौरान होने वाला दर्द भी नहीं होगी
शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द होने पर आप उस जगह पर नागकेसर का तेल लगा लें। नागकेसर के तेल से मालिश करने से दर्द दूर हो जाएगी। दर्द के अलावा चोट लगने पर आप घाव पर इसका तेल लगा लें। ऐसा करने से घाव सही हो जाएगा और इसमें दर्द भी नहीं होगी। गठियों के दर्द में भी इसके तेल से मालिश की जा सकती है।
गैस होने पर आप नागकेसर के अंदर मुलहठी, राल और मिश्री मिलाकर एक चूर्ण तैयार कर लें। फिर रोज गर्म दूध के साथ इस चूर्ण का सेवन करें। ये चूर्ण खाने से पेट में गैस नहीं बनेंगी और गैस की समस्या दूर हो जाएगी।
शरीर की कमजोरी को दूर करने में भी नागकेसर लाभदायक होता है और इसे खाने से शरीर की कमजोरी सही हो जाता है। आप नागकेशर को पीसकर चूर्ण बना लें और रोज इस चूर्ण का सेवन करें। ये चूर्ण खाने से शरीर में कमजोरी नहीं होगी। इस चूर्ण को आप शहद के साथ खा सकते हैं।
जुकाम होने पर आप नागकेसर के पत्तों को अच्छे से पीस लें। फिर इस लेप को अपने सिर पर लगा लें। ये लेप लगाते ही जुकाम सही हो जाएगा और नाक खुल जाएगी।
हैजा पेट से जुड़ा हुआ रोग होता है और अगर सही समय पर इसका इलाज ना किया जाए तो जान तक जा सकती है। हैजा होने पर आप पीले नागकेसर के अंदर बड़ी इलायची, लौंग, बेर की गुठली का पाउडर मिलाकर एक चूर्ण तैयार कर लें। इस चूर्ण में पिसी हुई मिश्री मिला दें और रोज तीन बार ये चूर्ण खाएं। इस चूर्ण को खाने से हैजा सही हो जाता है।
चेहरे की त्वचा के लिए भी नागकेसर उत्तम माना जाता है और इसका तेल अगर रोज चेहरे पर लगाया जाए तो चेहरे की रंगत निखर जाती है और चेहरे की नमी हमेशा बरकरार रहती है। इसलिए सुंदर त्वचा पाने के लिए आप अपने चेहरे पर इसका तेल जरूर लगाया करें।
शरीर के किसी भी हिस्से में खुजली की शिकायत होने पर आप नागकेसर के तेल से मालिश कर लें। नाग केसर का तेल लगाने से खुजली की समस्या सही हो जाती है औ त्वचा मुलायम भी बन जाती है।
बवासीर होने पर आप नागकेसर और सुर्मा के पाउडर को सामान मात्रा में मिलाकर चूर्ण तैयार कर लें। फिर इस चूर्ण को शहद के साथ खा लें। एक हफ्ते तक ये चूर्ण खाने से बवासीर ठीक हो जाती है।
सांप के काटने पर आप तुरंत नाग केसर के पत्तों का लेप लगा लें। नागकेसर के पत्तों का लेप प्रभावित जगह पर लगाने से जहर का असर खत्म हो जाता है।
गर्मी के मौसम में अक्सर कई लोगों को पैरों में जलन की शिकायत हो जाती है। पैरों में जलन की शिकायत होने पर आप नागकेसर के पत्तों को अच्छे से पीसकर लेप तैयार कर लें और इस लेप में चंदन का पाउडर मिला दें। फिर इस लेप को पैरों पर लगा दें। ये लैप लगाने से जलन सही हो जाएगी।
नागकेसर का सेवन आप मक्खन और मिश्री के साथ ही करें और दिन में एक ग्राम से अधिक नाग केसर ना खाएं। बच्चों को नाग केसर देने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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April 1st, 2020