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अकरकरा(Akarkara) कई चिकित्सीय उपयोगों वाली जड़ी बूटी है और पौधों के एस्टेरसिया परिवार से संबंधित है। इसका बोटानिकल नाम एनासाइक्लस पाइरेथ्रम है। यह होम्योपैथी जैसे चिकित्सा प्रणालियों द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। यह पौधा ज्यादातर शरीर पर कामोद्दीपक प्रभाव के लिए जाना जाता है और सूखे पाउडर के रूप में उपयोग किया जाता है।
अकरकरा(Akarkara) नपुंसकता और इरेक्टाइल डिसफंक्शन के इलाज के लिए एक अच्छा उपाय है और इससे इससे ब्लड प्रेशर भी नहीं बढ़ता। इसके अलावा, साइलेंडाफिल की तुलना में इसके कम दुष्प्रभाव हैं। इसे अकेले उपयोग किए जाने पर कुछ हफ्तों के बाद अकरकरा की प्रभाविकता कम हो जाती है।
अकरकरा की जड़ का पाउडर बहुत उपयोगी होता है क्योंकि कपूर के साथ हल्की मालिश करने से दांत दर्द में मदद मिलती है। दांत के दर्द को कम करने के लिए काली मिर्च, अजवाईन खुरसानी और विडंग के साथ इसका उपयोग कर सकते हैं।
काली मिर्च और लंबी काली मिर्च के साथ अकरकरा की जड़ का पाउडर सामान्य सर्दी ठीक करने में मदद करता है। इसमें एंटीवायरल गुण होते हैं जो फ्लू के सभी लक्षणों को कम करता है और नाक बंद होने को कम करता है।
अकरकरा(Akarkara) की जड़ का एक और लाभ यह है कि इसका उपयोग मिर्गी और दौरे को ठीक करने के लिए सहायक के रूप में किया जाता है। अध्ययनों से पता चला है कि इसका मूल अर्क सुरक्षात्मक काम करता है इसलिए यह सीजर्स को रोकने में मदद करता है।
यह इच्छा को उत्तेजित करता है और जननांगों की और खून का बहाव बढ़ाता है। अकरकरा में कामोत्तेजक, कामेच्छा उत्तेजक और स्पर्मेंटोजेनिक क्रियाएं होती हैं। यह एण्ड्रोजन के स्राव को प्रभावित करता है और उनके बनने को बढ़ाता है। अकरकरा प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है, स्पर्म की संख्या बढ़ाता है और पुरुषों की कामेच्छा में सुधार करता है।
अकरकरा(Akarkara) के फूल को चबाने से दांत दर्द से आराम मिलता है। यह एनाल्जेसिक है जो दांत दर्द के उपचार में सहायक है।
अकरकरा जेनिटलस में खून के प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे यौन इच्छा बढ़ जाती है, इजेकुलेशन में देरी होती है और पुरुषों की कामेच्छा में कमी को ठीक करता है। यह सीमेन के रिटेंशन को भी तेज़ करता है।
अकरकरा को शहद और एकोरस कैलमस के साथ मिला सकते हैं और बच्चों में इलाज के लिए जीभ पर इस मिश्रण की मालिश कर सकते हैं।
भोजन के बाद सादे पानी के साथ अकरकरा(Akarkara) को तय की गयी मात्रा में लेना चाहिए।
इसको भोजन के बाद लेना चाहिए और खाली पेट नहीं।
आप 100 मि.ली. सादे पानी में 3 ग्रा. अकरकरा पाउडर मिला सकते हैं और इसे दिन में एक बार ले सकते हैं।
अकरकरा पाउडर को आमतौर पर 100 मि.ली. सादे पानी में दिन में एक बार लिया जाता है।
अकरकरा(Akarkara) को लेना उम्र और स्वास्थ्य स्थितियों के अनुसार अलग हो सकता है। अकरकरा की खुराक दिन में 4 ग्रा. से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
उपयोग का रूप | खुराक |
अकरकरा रूट पाउडर | 1 से 2 ग्रा. दिन में दो बार |
अकरकरा की जड़ का रस | 125 मि.ग्रा. से 250 मि.ग्रा. दिन में दो बार |
काढ़ा | 100 मि.ली. पानी के साथ तैयार किया जाता है, दिन में एक बार 3 ग्रा. अकरकरा की जड़ का पाउडर |
6 Side-Effects of Akarkara in Hindi-अकरकरा के साइड इफ़ेक्ट
अकरकरा (एनासाइक्लस पाइरेथ्रम) की ज्यादा खुराक और नासमझी के उपयोग से निम्न दुष्प्रभाव हो सकते हैं:
यदि उनींदापन, चक्कर आना, हाइपोटेंशन या सिरदर्द का अनुभव होता है तो आपको अकरकरा नहीं लेना चाहिए।
नहीं, आपको केवल सादे पानी के साथ अकरकरा लेना चाहिए।
नहीं, अकरकरा लत नहीं है।
अकरकरा(Akarkara) को ज्यादा लेने से उनींदापन और चक्कर आना आदि हो सकते हैं इसलिए इसे: उचित मात्रा में लेना चाहिए।
चिकित्सा जटिलताओं से बचने के लिए केवल अकरकरा की तय की गयी खुराक लेनी चाहिए। अकरकरा के ज्यादा लेने से अत्यधिक लार, मुंह में छाले, जलन, सीजर्स या एसिडिटी हो सकती है।
अकरकरा(Akarkara) पौधों के एस्टेरसिया परिवार से संबंधित है। इस पौधे की जड़ में एल्कलॉइड पेलिटोरिन (पाइरेथ्रिन) और एल्काइल एमाइड्स होते हैं।
अकरकरा पाउडर को कांच की बोतल में स्टोर करना चाहिए।
अकरकरा का उपयोग लगभग 1 से 4 हफ्ते तक या योग्य डॉक्टर द्वारा बताये अनुसार कर सकते हैं।
अकरकरा(Akarkara) के अलग अलग रूपों की तय की गयी खुराक के बारे में जानने के लिए ऊपर दी गई खुराक का चार्ट पढ़ सकते हैं।
स्तनपान कराने वाली माताओं को अकरकरा नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह दूध के बनने को कम करता है।
हां, अकरकरा से बच्चों की जीभ की मालिश की जाती है ताकि उनके बोलने में सुधार हो सके।
गर्भावस्था के दौरान अकरकरा पाउडर नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह गर्भाशय के सिकुड़ने को प्रेरित कर सकता है और मासिक धर्म के प्रवाह या गर्भाशय के रक्तस्राव को बढ़ावा दे सकता है।
313 रूपए
वर्ष 2018 में रिसर्चगेट द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन जिसका शीर्षक ‘केमिकल कम्पोजिशन एंड मेडिसिनल यूसेज ऑफ एनासाइक्लस पाइरेथ्रम’ है, जिसमें कहा गया है कि अकरकरा में डायबिटीज मेलिटस रोगियों में इंसुलिन की खुराक कम करने की क्षमता है। यह प्लाज्मा ग्लूकोज और सीरम कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी सहायक है। पौधे की जड़ सिर दर्द, नसों के दर्द और चेहरे और दांतों के आमवात के उपचार के लिए अत्यधिक उपयोगी है।
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April 1st, 2020